Hindi story- डॉ. श्यामसुंदर दास - questions answer

       


            1. Hindi story -  डॉ श्यामसुंदर दास

डॉ. श्यामसुंदर दास का जन्म 1875 ई. में हुआ था। अत्यन्त प्राचीन काल से ही काशी (वाराणसी) भारत की संस्कृति साधना का केंद्र- बिंदु रहा है। संस्कृत साहित्य के विकास की यह प्रमुख साधना भूमि थी और हिंदी साहित्य के विकास में काशी की सरस्वत साधना की प्रमुख भूमिका रही है। हिंदी के महान साहित्यकारो में प्रेमचंद्र, जयशंकर प्रसाद आदि यहीं के वातावरण में विकसित हुए थे। यही श्यामसुंदर दास का जन्म और प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा हुई थी। प्रयागराज विश्वविद्यालय से बी. ए. कि उपाधि प्राप्त कर उन्होंने सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल वाराणसी में अंग्रेजी के अध्यापक के रूप में कार्य प्रारम्भ किया। यद्यपि ये अंग्रेजी भाषा के कुशल अध्यापक थे, फिर भी, इनकी रुचि प्रारम्भ से ही हिंदी भाषा और साहित्य सेवा की ओर थी। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए इन्होंने कुछ हिंदी - प्रेमी मित्रो के सहयोग से सन 1893 ई. मे काशी नगरी प्रचारिणी सभा की स्थापना की। इनकी मृत्यु 1945 ई. में हो गई।  


                 प्रश्न और उत्तर


1. डॉ. श्यामसुंदर दास का जन्म कब हुआ था?

(A) 1878 ई. 

(B) 1775 ई. 

(C) 1875 ई. 

(D) 1870 ई. 


2. काधित नगरी प्रचारिणी सभा की स्थापना कब हुई थीं?

A) 1878 ई. 

(B) 1775 ई. 

(C) 1875 ई. 

(D) 1893 ई. 


3. श्यामसुंदर दास का जन्म कहा हुआ था? 

(A) मथुरा

(B) काशी

(C) पटना

(D) इनमें से कोई नहीं


4. भारत की संस्कृति साधना का केंद्र - बिंदु रहा है? 

(A) आगरा

(B) हरिद्वार

(C) दिल्ली


5. सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल वाराणसी में किसने अंग्रेजी के अध्यापक के रूप मे कार्य किया?

(A) डॉ. श्यामसुंदर दास

(B) प्रेमचंद्र

(C) जयशंकर प्रसाद

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं



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