World Population Day/ Population Day/ विश्व जनसंख्या दिवस

     
     

        World Population Day
                ( विश्व जनसंख्या दिवस )                 

              

World Population Day ।  तेजी से जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश की रोजगार ( employment ), आर्थिक स्थिति ( economic condition ), शिक्षा ( Education ) ‍ आदि। पर  बुरे असर पड़ सकता है। इसकी सबसे ज्यादा परेशानियां विकासशील देशों ( developing countries ) को होता है जहा आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जहा के लोग कम शिक्षित है जनसंख्या वृद्धि से भु- भागों में कमी से भी अधिक परेशानियां आती है और महंगाई तो आसमान छूने लगते हैं। 

[ विश्व जनसंख्या दिवस/World Population Day ]

दुनिया भर  में इसी जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसील ( United Nations Development Program Governing Council) द्वारा 11 जूलाई को विश्व जनसंख्या दिवस ( World Population Day) स्थापित किया गया। जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि से सम्बन्धित समस्यायों से लोगो को विश्व स्तर पर जागृत (awake)  करना है। 

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए शिक्षा एक मजबूत हथियार है लोगो को शिक्षित करके जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है। इसके लिए समाज के निचले हिस्से को अधिक महत्व देना होगा जहां शिक्षा का विकास ( development) कम है। उन्हे शिक्षा द्वारा और अनेक कार्यक्रमों (programs) द्वारा जनसंख्या वृद्धि से होने वाले समस्याओं से अवगत कराकर उससे निपटने के लिए कार्य करना चाहिए।

भारत एक विकासशील देश है और यहां की जनसंख्या विश्व की सबसे आबादी वाला देशों में दूसरी स्थान है। इसकी जनसंख्या 130 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में से भारत के 13 शहरों के नाम शामिल हैं। जिसमें की देश की राजधानी दिल्ली का नाम सबसे ऊपर है उसके बाद पटना, रायपुर और ग्वालियर का स्थान है।

2019 में जारी द लैंसेट पत्रिका (The Lancet Magazine) के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 16.7 लाख लोगों की मृत्यू  का कारण वायु प्रदूषण (air pollution ) है। यह आकड़ा देश में हुईं कुल मौतो का 18 प्रतिशत तक है। 

वायु प्रदूषण ( air pollution ) का मार  ही में नहीं ख़त्म होता रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत की अर्थ्यवस्थाओं ( economies ) पर भी इसकी भारी मार पड़ी है। 

2019 में वायु प्रदूषण ( air pollution ) के कारण हुई मौतों और बीमारियों के कारण भारत के सकल घरेलू उत्पाद ( Gross Domestic Product ) को 2.60 करोड़ रुपए का भारी नुक़सान हुआ है। यह रूपए देश की जीडीपी (GDP) की करीब 1.4% के बराबर है।


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